अमृततुल्य ​​चाय क्या है और अमृततुल्य चाय फ्रैंचाइज़ी के लाभ

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन से अमृत की उत्पत्ति हुई थी, जो पीने से अमरता प्रदान होती है। ऐसे अमृत के समान चाय मतलब अमृततुल्य चाय है। और वास्तव में अमृततुल्य में अमृत की मिठास होती है, जिससे मन बहुत तृप्त हो जाता है।

जब मैं 1995 में सोलापुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, तब मेरा परिचय पहली बार अमृततुल्य से हुआ। उस समय एक छोटीसी पुरानी दुकान में अमृततुल्य चाय मिलती थी। चाय की महक से उस दुकान के सामने चलते हुए चाय पीने का मन करता था और पॉँव अपने आप दुकान की ओर मुड़ जाते थे। चाय का स्वाद इतना सुंदर होता था कि एक कप ने कभी मेरा मन नहीं भरा। सिर्फ स्वाद से ही नहीं, अमृततुल्य चाय बनते हुए देखना भी खुशी की बात है।

अमृततुल्य चाय आमतौर पर ग्राहकों के सामने पीतल के बर्तन में बनाई जाती है और माना जाता है कि जैसे-जैसे बर्तन पुराना होता जाता है, उसमें बनी चाय अधिक स्वादिष्ट बनती है। दूध और पानी को एक साथ उबाला जाता है फिर बहुत सारी चीनी, मसाले (इलायची, अदरक या सौंठ और अन्य मसालों का मिश्रण) और चाय पाउडर मिलाया जाता है। उसके बाद बड़े चम्मच के साथ हिलाते रहते है।
यह निश्चित रूप से कोई नहीं जानता कि अमृत जैसी चाय का आविष्कार किसने और कहां किया। लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना ​​है कि इसकी उत्पत्ति पुणे शहर में हुई है।
अब तक तो आपने अमृततुल्य चाय का स्वाद तो चखा ही होगा। यदि नहीं तो अब जरूर पीके देखे! कुछ लोगों को अमृत चाय पसंद नहीं आएगी या यह बहुत मीठी लग सकती है, लेकिन मिठास ही इस चाय की पहचान है और यह पूरे देश में प्रसिद्ध है, हर दिन लाखों लोग इस चाय को पीते हैं।

कुछ साल पहले तक इस अमृत जैसी चाय उपेक्षित थी, या चाय बेचने का धंधा भी कम औधे का माना जाता था। लेकिन आजकल आपको हर जगह किसी न किसी ब्रांड की अमृततुल्य चाय की दुकानें देखने को मिल जाएंगी और इससे देखके पता चल जाता है की चाय के कारोबार में रौनक आ गई है. आज हजारों लोग इस व्यवसाय में लाखों कमा रहे हैं और हजारों लोगों को रोजगार दे रहे हैं। आज ऐसी दुकान का होना भी एक गर्व की बात है।
मैत्री अमृततुल्य एक ऐसा ब्रांड है जो इसके लिए आवश्यक पीतल के बर्तन में अमृततुल्य चाय बनाने की पारंपरिक पद्धति का उपयोग करता है। आज के हायफाय कैफे के युग में भी, आपकी सिंपल लेकिन साफ-सुथरी दुकान और आपका मैत्री अमृततुल्य चाय का स्वाद आपको 90 के दशक में वापस ले जाता है। चाय की कीमत इतनी वाजिब है कि आम लोगों को दुकान में प्रवेश करते समय अपनी जेब नहीं देखनी पड़ती।
आजकल अमृततुल्य चाय की फ्रैंचाइज़ी का होना बहुत फायदेमंद होता है। अधिकांश फ़्रैंचाइज़ी मालिक एक लाख रुपये से अधिक कमाते हैं।

अमृततुल्य चाय की फ्रेंचाइजी के मालिक होने के लाभ
1. किसी भी अन्य व्यवसाय से कम निवेश.
2. चाय आम आदमी की जरूरत है इसलिए चाय का कारोबार कभी खत्म नही होगा.
3. चाय एक रोजमर्रा की जरुरत होने के नाते अन्य व्यवसायों के जैसे इसमें उतार-चढ़ाव नहीं होते हैं.
4. लगभग 40-45% लाभ, जो अन्य व्यवसायों की तुलना में अधिक है.
5. एक रिटेल बिसीनेस होने के कारण ग्राहक को कोई क्रेडिट नहीं देना पड़ता.
6. अन्य व्यवसायों की तरह अधिक स्टॉक रखने की आवश्यकता नहीं होती.
7. दुकान में कोई मुल्यवान चीज़ नहीं होती इसलिए चोरी होने की कोई संभावना नहीं होती.

सिर्फ मैत्री अमृततुल्य ही क्यों ?
1. मैत्री अमृततुल्य का अनोखा स्वाद जो सभी ग्राहकों को पसंद आएगा.
2. अन्य सभी अमृत चाय फ्रेंचाइजी की तुलना में बहुत कम निवेश.
3. स्वच्छ व्यवहार। कोई छिपा हुआ मूल्य नहीं है.
4. फ्रैंचाइज़ी मालिकों के लिए पूर्ण सहयोग.
5. गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं.
और भी कई लाभ हैं, अधिक जानकारी के लिए हमारे  फ्रैंचाइज़ी पेज पर जाएं.

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